Ways to Prevent Air Pollution (वायु प्रदूषण रोकने के उपाय)

Pollution (प्रदूषण):

प्रदूषण का मतलब है वातावरण में किसी भी तत्व का असंतुलित मात्रा में मौजूद होना आसान शब्दों में कहें तो जब हवा, पानी, मिट्टी जैसी प्राकृतिक चीजों में हानिकारक पदार्थ मिल जाते हैं। जिससे हमारा पर्यावरण दूषित हो जाता है और इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

What is Air Pollution (वायु प्रदूषण क्या है):

वायु प्रदूषण तब होता है जब हवा में हानिकारक और जहरीली चीजें मिल जाती है, जिससे साँस लेने में मुश्किल हो जाता है और सेहत का भी खतरा होता है, आसान शब्दों में, वायु प्रदूषण का मतलब है हवा का गंदा होना।

Types of Air Pollution (वायु प्रदूषण का प्रकार):

वायु प्रदूषण: वाहनों से निकलने वाला धुंआ, आद्योगिक इकाई से निकलने वाला धुंआ और जहरीली गैस वायु को प्रदूषित करती है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। और निजी वाहनों को कम चलाएं यह प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और पृथ्वी के लिए बहुत नुकसानदेह है।

जल प्रदूषण: नदियों, नहरों और तालाबों`में औधोगिक कचड़ा, रासायनिक पदार्थ और अनुपचारिक मलजल फेकने से जल प्रदूषित होता है, इसलिए नदियों, नहरों और तालावों में कचड़ा न फेंके और जल का संरक्षण करें।

ध्वनि प्रदूषण: तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुँचा सकता है, तेज आवाज करने वाले वाहन, उधोग और निर्माण कार्य ध्वनि प्रदूषण पैदा करते हैं। यह मानव और जीव-जंतुओं के लिए हानिकारक होता है।

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Causes of Air Pollution (वायु प्रदूषण के कारण):

जीवाश्म ईंधन का जलना: कारों, बसों, ट्रकों और अन्य वाहनों के साथ-साथ बिजली बनाने के लिए कोयले और तेल जलाने से धुंआ और हानिकारक गैस निकलती है, जो वायु को प्रदूषित करती है।

औधोगिक उत्सर्जन: कारखानों और औधोगों से निकलने वाली धूल रासायनिक और जहरीली गैस वायु प्रदूषण को बढाती है।

इनडोर वायु प्रदूषण: घरों में खाना बनाने, धूम्रपान करने और कुछ सफाई उत्पादों के इस्तेमाल से भी वायु प्रदूषित हो सकती है।

जंगल की आग: जंगलों में लगने वाले आग से धुँआ और जली हुई वनस्पति के कण वायुमंडल में मिल जाते हैं। जंगल की आग में पराली और खेत के अवशेषों को जलाना भी एक बड़ा योगदान है।

परिवहन: सड़कों पर गाड़ियां दिन-ब-दिन बढ़ती जारही है इस बात से इनकार नहीं कया जा सकता है की वायु प्रदूषण में वाहन प्रदूषण का प्रमुख योगदान है।

Effects of Air pollution (वायु प्रदूषण के प्रभाव):

रोग: वायु प्रदूषण के कारण मनुष्यों में कई श्वसन संबंधी विकार और हृदय संबंधी बीमारियाँ पैदा हुई है। पिछले कुछ दिनों में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में बृद्धि हुई है। प्रदूषित क्षेत्र के आस पास रहने वाले बच्चों में निमोनिया और अस्थमा होने का खतरा अधिक होता है।

ग्लोबल वार्मिंग: ग्रीनहाउस गैस प्रदूषण जलवायू परिवर्तन का कारन बन रहा है। इससे धरती के तापमान में बृद्धि हुई है धरती के तापमान में इस बृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग के नाम से जाना जाता है।

अम्ल बर्षा: जीवाश्म ईंधन जलाने से हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस निकलती है। पानी की बूंदें इन प्रदूषण के साथ मिलकर अम्लीय हो जाती है और अम्लीय वर्षा के रूप में गिरती है, जो मानव, पशु, और पौधों के जीवन को नुकसान पहुँचती है।

ओजोन परत में छेद: ओजोन परत में छेद वायु प्रदूषकों के कारन होता है। रेफ्रिजरेंट के रूप में उपयोग किए जाने वाले रसायन, जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन में क्लोरीन परमाणु होते हैं। वायुमंडल में क्लोरीन परमाणु छोड़ने से ओजोन नष्ट हो जाता है। ओजोन परत सूर्य से हानिकारक पराबैंगनी-सी और पराबैंगनी-बी किरण को रोकता है यह एक तरह से हमारी रक्षा करती है जो सनबर्न को रोकती है।

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Prevention of Air Pollution (वायु प्रदूषण की रोकथाम):

वाहनों का उपयोग करने से बचें:

निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि सड़क पर जितनी कम गाड़ियाँ रहेंगी उतना कम प्रदूषण भी होगा। अपने बच्चों को निजी वाहन से स्कूल छोड़ने की जगह उन्हें स्कूल की बस में जाने दें। खुद भी ऑफिस जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें।

ऊर्जा संरक्षण:

हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग कया जाता है और इससे निकलने वाले धुआँ हमारे वातावरण के लिए बेहद खतरनाक होता है। इस तरह के प्रदूषण से बचने के लिए आपको सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए।

कचड़े का कम उत्पादन करें:

कचड़े को कम करें, कचड़े को जलाने से बचें क्योंकि इससे हवा प्रदूषित होती है गीले और सूखे कचड़े को अलग करें और अलग-अलग डिब्बों में डालें।

पेड़-पौधे लगाएँ:

पेड़-पौधे हवा को सुद्ध करते हैं और प्रदूषण को कम करते हैं। अपने घर के आस पास और अपने शहर में ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधा लगाएं और उनकी देख भाल करें।

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